मित्रों ! आपका मेरे ब्लाग पर हार्दिक अभिनन्दन है.
प्लीज़ ! मेरे ब्लॉग को एक बार ही सही पर जरूर रीड करे और अपनी पैनी दृष्टि से परीक्षण कर मुझे मेरी त्रुटियों से अवश्य अवगत कराएँ ...जिससे मैं और निखरकर आप लोगो के लिए कुछ नया लिखकर हिंदी साहित्य को और समृद्ध बना सकूँ . ......धन्यवाद् .
शनिवार, 4 दिसंबर 2010
अहसास
जब-जब चला ,तब-तब जला |
कल्पना साकार करने,
भावना से प्यार करने,
पोत की पतवार बनने,
जोत पर ऐतवार करने,
जब-जब चला, तब-तब जला |
नफरतों को तोड़ने,
दो दिलों को जोड़ने,
पाप से मुख मोड़ने,
सत्यता की होड़ में,
जब-जब चला, तब-तब जला.............|
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1 टिप्पणी:
satish chandra
ने कहा…
hi sister very very good ...mujhe bahut hi pyari poam lagi
1 टिप्पणी:
hi sister very very good ...mujhe bahut hi pyari poam lagi
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