शनिवार, 4 दिसंबर 2010

अहसास

जब-जब चला ,तब-तब जला |

कल्पना साकार करने,

भावना से प्यार करने,

पोत की  पतवार   बनने,

जोत पर ऐतवार करने,

जब-जब चला, तब-तब जला |

नफरतों को तोड़ने,

दो दिलों को जोड़ने,

पाप से मुख मोड़ने,

सत्यता की होड़ में,

जब-जब चला, तब-तब जला.............|    

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