मंगलवार, 15 मार्च 2011
.तू मुस्कुराना छोड़ दे
बहुत कमजोर हूँ मैं
तू मुस्कुराना छोड़ दे मेरे घावों में तू अब
मरहम लगाना छोड़ दे ||
निगाहें कातिल हैं तेरी
आँखे मिलाना छोड़ दे |
जीना न मुश्किल हो जाए
ये अदाएं छोड़ दे ||
बेबस हूँ मैं ,लाचार हूँ
यूँ दिल का लगाना छोड़ दे
न बन जाए ये अफसाना
कसमे -वादे तोड़ दे ||
प्यार ,मुहब्बत ,चाहत
लफ्जों को दुहराना छोड़ दे |
ऐ महबूब मेरे , दिलवर मेरे
तन्हाई ,रुसवाई से रिश्ता जोड़ ले ||
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