बुधवार, 1 जून 2011

प्यारी भाभी

 भाभी! तुम पे बहुत
 प्यार आता है |
तुम्हारे  सिवा अब
न कोई भाता है ||

दिया प्यार तुमने
इतना मुझे |
जैसे हमारा,
वर्षों का नाता है || 

नहीं कोई शिकवा,
शिकायत मुझे |
हूँ आज खुश जो,
इनायत तेरी ||

श्रद्धा करूँ,तेरी भक्ति करूँ,
तेरे लिए, निशि-दिन मरुँ ||
तुझमे समाहित है मन मेरा,
है आज गद-गद ये दिल मेरा ||

खुशियाँ हो दामन में,तेरे सदा,
आंसूं न देना,ऐ मेरे खुदा ||
व्याकुल है दिल,होके तुमसे जुदा,
सबसे निराली है,मेरी भाभी की अदा ||



40 टिप्‍पणियां:

केवल राम ने कहा…

काश भाभी के लिए इतना सम्मान सबके दिल में होता ..और उसे अपना ससुराल अपने जैसा लगता ....कविता की अंतिम पंक्तियाँ भाव विभोर करने वाली हैं....आपका आभार

Unknown ने कहा…

bahut khoob.. aapki baaki rachnaayein bhi maine padhi.. sabhi acchi lagi.. shukriya..
मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है : Blind Devotion - सम्पूर्ण प्रेम...(Complete Love)

mridula pradhan ने कहा…

bhabhi par badi pyari kavita.....

!!अक्षय-मन!! ने कहा…

namste sushila ji

bhabhi ji ke liye jitna samman jitna pyar aapke man main hai wo in shabdon main jhalkta hai...
aur mujhe pratit hota hai isse kahin jyada ijjat aur pyar hogaa aap dono ka ye nata ye pyar dekh kar man ko bahut accha laga....

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना,बहुत ही उम्दा प्रस्तुती

. स्वतंत्रता दिवस की बहुत शुभकामनायें

राजीव तनेजा ने कहा…

अति सुन्दर

अशोक कुमार शुक्ला ने कहा…

तुझमे समाहत है मन मेरा,
gaagar me saagar.

शिखा कौशिक ने कहा…

आपकी भाभी के प्रति लिखी इस रचना ने दिल छू लिया .बधाई
blog paheli

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

यह है ननंद भावज का प्रेम- सदा बना रहे॥

Amrita Tanmay ने कहा…

Pyar sda bana rahe . achchha likha hai.

Dorothy ने कहा…

खूबसूरत अभिव्यक्ति...आभार.
सादर,
डोरोथी.

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

खुशियाँ हो दामन में,तेरे सदा,
आंसूं न देना,ऐ मेरे खुदा ||
व्याकुल है दिल,होके तुमसे जुदा,
सबसे निराली है,मेरी भाभी की अदा ||

सुन्दर संवेदनशील अभिव्यक्ति...

Rahul Paliwal ने कहा…

you seems to be few rare person, otherwise scene is completely different in the world...

Keep writing!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

भाभी के प्रति सुन्दर भावनायों से ओत प्रोत रचना ...

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

डॉ० सुशीला जी भाभी शब्द में ही कस्तूरी बसी होती है भाभी का एक रूप माँ का भी होता है |जाने माने कवि कैलाश गौतम का एक गीत है -
बादल टूटे
ताल पर
आटा सनी हथेली
जैसे भाभी पोछ गयी
शोख ननद के गाल पर अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आना .आपको पढ़ना शुभकामनायें

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

डॉ० सुशीला जी भाभी शब्द में ही कस्तूरी बसी होती है भाभी का एक रूप माँ का भी होता है |जाने माने कवि कैलाश गौतम का एक गीत है -
बादल टूटे
ताल पर
आटा सनी हथेली
जैसे भाभी पोछ गयी
शोख ननद के गाल पर अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आना .आपको पढ़ना शुभकामनायें

Jyoti Mishra ने कहा…

wow how beautifully u have depicted this marvelous character.
Nice read

PS: thanks for dropping by n giving me the opportunity to land here.
looking forward to new posts.

amrendra "amar" ने कहा…

बहुत सुन्दर लाजबाब है आपकी रचना
मन करता है बस पड़ता रहू ...,,, सुन्दर संवेदनशील अभिव्यक्ति...

Neelkamal Vaishnaw ने कहा…

नमस्कार....
बहुत ही सुन्दर लेख है आपकी बधाई स्वीकार करें
मैं आपके ब्लाग का फालोवर हूँ क्या आपको नहीं लगता की आपको भी मेरे ब्लाग में आकर अपनी सदस्यता का समावेश करना चाहिए मुझे बहुत प्रसन्नता होगी जब आप मेरे ब्लाग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे तो आपकी आगमन की आशा में पलकें बिछाए........
आपका ब्लागर मित्र
नीलकमल वैष्णव "अनिश"

इस लिंक के द्वारा आप मेरे ब्लाग तक पहुँच सकते हैं धन्यवाद्

1- MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......

2- BINDAAS_BAATEN: रक्तदान ...... नीलकमल वैष्णव

3- http://neelkamal5545.blogspot.com

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

खूबसूरत अभिव्यक्ति..........

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

डॉक्टर साहिबा
भाभी और आप दोनों को सादर नमन है !

हर लड़की ,हर भाभी , हर औरत इस प्यार और विश्वास और आदर की अधिकारिणी है …

ईश्वर से प्रार्थना है कि दुनिया के हर शख़्स को आप जैसा पावन हृदय दे …

अच्छी रचना के लिए आभार और बधाई !

# निवेदन है नई रचना के लिए

हार्दिक मंगलकामनाओं सहित
-राजेन्द्र स्वर्णकार

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

आपने रिश्तों की गर्माहट को बरक़रार रखा है,अपनी प्यारी भाभी को मेरा भी अभिवादन बोलियेगा !

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

डॉ सुशीला जी ये ननद भाभी का रिश्ता यों ही बना रहे सब दुल्हन को आप ननद बन मिल जाएँ या सब पर आप की छाप पड़ जाये कितना सुन्दर हो -
भाभी गदगद हो जाएँ और समाज भी ..तब महिला ही महिला की दुश्मन सुनना भी न पड़े -
सुन्दर सन्देश -मूल भाव सुन्दर
शुक्ल भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया

शमीम ने कहा…

छोटी मगर बहुत अच्छी कविता.शुभकामनायें....

Dev ने कहा…

लाजवाब ....प्रस्तुति

Satish Saxena ने कहा…

भाभी के प्रति स्नेह पूर्वक सराहना और आभार भाव, निश्चित ही उनके मन में स्थायी स्नेह जगाने के लिए पर्याप्त है !
आप जहाँ जायेंगी सफल रहेंगी !

शुभकामनायें !

Rakesh Kumar ने कहा…

आपकी भाभी के लिए सुन्दर और अनुपम भावनाओं को नमन.आप और आपकी भाभी दोनों ही निश्चित रूप से अच्छी हैं.आपका भाभी के प्रति प्यार और भाभी का आपके लिए दुलार सदा सदा ही बना रहे.

शानदार प्रस्तुति के लिए आभार.

जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ.

मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
शिवलिंग व भक्ति पर अपने सुविचार
प्रकट कर अनुग्रहित कीजियेगा मुझे.

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

आपको एवं आपके परिवार "सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया"की तरफ से भारत के सबसे बड़े गौरक्षक भगवान श्री कृष्ण के जनमाष्टमी के पावन अवसर पर बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें लेकिन इसके साथ ही आज प्रण करें कि गौ माता की रक्षा करेएंगे और गौ माता की ह्त्या का विरोध करेएंगे!

मेरा उदेसीय सिर्फ इतना है की

गौ माता की ह्त्या बंद हो और कुछ नहीं !

आपके सहयोग एवं स्नेह का सदैव आभरी हूँ

आपका सवाई सिंह राजपुरोहित

सबकी मनोकामना पूर्ण हो .. जन्माष्टमी की आपको भी बहुत बहुत शुभकामनायें

अभिषेक मिश्र ने कहा…

बहुत सुन्दर भाव व्यक्त किये हैं आपने.

Shikha Kaushik ने कहा…

SHUSHILA JI -I HAVE GIVEN YOUR BLOG'S INTRODUCTION ON ''YE BLOG ACHCHHA LAGA ''.PLEASE COME AND SHARE YOUR FEELINGS &VIEWS WITH US .

मेरे सपने मेरे गीत -A NEW BLOG

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

ननद=भाभी में ऐसा प्यार सचराचर देखने को नहीं मिलता है ... सुन्दर रचना .. और उससे भी सुन्दर मानसिकता ...

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

१०८ ... यह नंबर भारतीय परम्परा में काफी महत्व रखता है ... देवी-देवताओं के १०८ नाम होते हैं ... श्री रामचंद्र ने देवी दुर्गा को १०८ फूल चढ़ाया ... इत्यादि ...
मेरे ब्लॉग का १०८ वां फोलोअर बनने के लिए आपको धन्यवाद और बधाई !

एक स्वतन्त्र नागरिक ने कहा…

आपकी सहजता ही आपकी विशिष्टता है. इतनी उच्च शिक्षित हो कर भी कितनी विनम्रता से त्रुटियों को अवगत करने का अनुरोध? और अपनी भाभी के लिए ऐसे अनुपम भाव वर्तमान समय में दुर्लभ है. शुभकामनाये.
जरा एक और मुद्दे पर पढ़ें और कृपया अपनी राय अवश्य दें. सचिन को भारत रत्न क्यों?
http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

very nice post

SANDEEP PANWAR ने कहा…

बना रहे, ये प्यार ऐसे ही।

abhi ने कहा…

बहुत प्यारी कविता..
भाभी पे जल्दी कवितायेँ पढ़ने को नहीं मिलती..

Madan Mohan Saxena ने कहा…

बेह्तरीन अभिव्यक्ति !शुभकामनायें.आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.

Unknown ने कहा…

bahut bahut bhaav purn

Unknown ने कहा…

bahut bahut bhaav purn

Ahir ने कहा…


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