मित्रों ! आपका मेरे ब्लाग पर हार्दिक अभिनन्दन है.
प्लीज़ ! मेरे ब्लॉग को एक बार ही सही पर जरूर रीड करे और अपनी पैनी दृष्टि से परीक्षण कर मुझे मेरी त्रुटियों से अवश्य अवगत कराएँ ...जिससे मैं और निखरकर आप लोगो के लिए कुछ नया लिखकर हिंदी साहित्य को और समृद्ध बना सकूँ . ......धन्यवाद् .
14 टिप्पणियां:
इसी तरह आपनी सुन्दर प्रयासों से हिंदी साहित्य को सुसज्जीत करती रहें, आप की मेहनत रंग लाऐगी.। बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें,
सुंदर भाव हैं,कवितायन जारी रहे।
आभार
बहुत सुंदर भावनात्मक प्रस्तुति के लिए आपका आभार ....आशा है आप अपने लेखन से ब्लॉग जगत को समृद्ध करेंगे ....हार्दिक शुभकामनायें
इस भावनात्मक रचना के लिए आपको बधाई .....अब अगली रचना का इन्तजार है ....आपका शुक्रिया
बहुत सुंदर भावनात्मक प्रस्तुति
मन की रूमानी भावनाओं
को खूबसूरत शब्दों में पिरोया है
अच्छी रचना !!
सुंदर प्रस्तुति ... मान के भाव को शब्द देना सुखद होता है ...
खूबसूरत कविता लिखती हैं आप.. अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर...
सुशीला जी
अगली रचना डालिए शीघ्र ही ..अपनी रचनात्मकता को निरंतरता प्रदान कीजिये ....शुभकामनाओं सहित
Bahut sundar....sushila jee..
..सुन्दर सरल सहज प्रिये रचना .....
बहुत सुन्दर कविता .. प्रेम रस में भीगी हुई .. बहुत अच्छी लगी .. दिल से बधाई
आभार
विजय
कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html
आज दुबारा पढी कविता, और फिर जी चाहा कि कमेंट लिखूं। लेकिन क्या लिखूं, यह समझ नहीं आ रहा। बस इतना कहूंगा कि मन को छू गये भाव।
waah behtreen rachna .....khubsurat bhavo ke saath ......umda prastuti badhai ...........
dil Ko Chhoo gayi Mam aapki kavita..
बहुत सुन्दर कविता .. प्रेम रस में भीगी हुई .. बहुत अच्छी लगी .. दिल से बधाई !!
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