मित्रों ! आपका मेरे ब्लाग पर हार्दिक अभिनन्दन है.
प्लीज़ ! मेरे ब्लॉग को एक बार ही सही पर जरूर रीड करे और अपनी पैनी दृष्टि से परीक्षण कर मुझे मेरी त्रुटियों से अवश्य अवगत कराएँ ...जिससे मैं और निखरकर आप लोगो के लिए कुछ नया लिखकर हिंदी साहित्य को और समृद्ध बना सकूँ . ......धन्यवाद् .
शुक्रवार, 25 दिसंबर 2015
उन्हें हँसी आती है, मेरे रोने पर, काश , जान पाते मुझे अब नींद ,नहीं आती मख़मल के बिछौने पर ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें