बुधवार, 16 मार्च 2011

दिल करता है






आज  तुमे   होठो  से  लगाने  को 

दिल  करता    है 

आज  तुममे  खो  जाने  को 

दिल  करता  है 

यूँ  ही  खामोश   निगाहों  से 

निहारते  हुए 

तुझमे  समां  जाने   को 

दिल  करता  है 

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8 टिप्‍पणियां:

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

सुन्दर शब्दों में भावनाओं की अभिव्यक्ति की गई है...
बधाई.

kalaam-e-sajal ने कहा…

sushila je aapne apne blog ko bahut khoobsoorat shabdon aur chitron se sajayaa hai

जीवन का उद्देश ने कहा…

bahut badhai ho

amrendra "amar" ने कहा…

Sunder rachna sunder sabdo ke saath...........badhai

Patali-The-Village ने कहा…

सुन्दर भावनाओं की अभिव्यक्ति|धन्यवाद|

केवल राम ने कहा…

आज इस रचना को पढने के बाद ...बस सोचने को मन करता है ...इस रचना के बारे में ...बहुत सुंदर भावों की अभिव्यक्ति ..आपका आभार

Kunwar Kusumesh ने कहा…

नव-संवत्सर और विश्व-कप दोनो की हार्दिक बधाई .

संजय भास्‍कर ने कहा…

वाह पहली बार पढ़ा आपको बहुत अच्छा लगा.
आप बहुत अच्छा लिखती हैं और गहरा भी.
बधाई.